Monday, June 20, 2016

अफरीदी की एक सोची समझी चाल

टी-20 विश्वकप से बाहर होने के बाद मोहाली के मैदान पर पाकिस्तानी क्रिकेट टीम के कप्तान शाहिद अफरीदी ने एक बड़ी चालाकी भरा बयान दिया. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान और कश्मीर से आए दर्शकों का शुक्रिया जिन्होंने हौसला अफजाई की. मोहाली के मैदान पर ही इसके पहले न्यूजीलैंड के साथ मैच के समय भी  अफरीदी ने कश्मीर से आए दर्शकों का शुक्रिया अदा किया था. उस वक्त भी विवाद खड़ा हुआ था लेकिन शुक्रवार को तो उन्होंने खासतौर पर पहले पाकिस्तान का नाम लिया और फिर कश्मीर का!
इसके पहले किसी खिलाड़ी ने खेल के मैदान पर पाकिस्तान और कश्मीर के दर्शकों के प्रति इस तरह साथ-साथ शुक्रिया अदा किया हो, ऐसा कोई उदाहरण याद नहीं आ रहा है. यदि आप हाल की घटनाओं पर नजर डालें तो यह स्पष्ट लगता है कि अफरीदी ने कश्मीर के लोगों के प्यार में डूबने की वजह से यह बयान नहीं दिया है. इस बयान के पीछे अफरीदी की एक सोची समझी चाल है. जब वे टीम लेकर भारत आए थे तभी उन्होंने कहा था कि पाकिस्तना से ज्यादा प्यार उन्हें भारत में मिलता है. यह बात पाकिस्तनानियों को नागवार गुजरी और लोग क्रोधित हो गए. सोशल मीडिया पर तो पाकिस्तानियों ने उनके खिलाफ मोर्चा ही खोल दिया! इससे अफरीदी ने खुद को संकट में जरूर पाया होगा. उसके बाद भी अफरीदी को उम्मीद रही होगी कि भारत को यदि मैदान पर धूल चटा दी तो लोग उनके इस बयान को भूल जाएंगे. वे भले ही टी-20 वर्ल्ड कप न जीत पाएं लेकिन भारत से जीत गए तो पूरा पाकिस्तान उनके लिए गलीचे बिछा देगा. हुआ उल्टा! पाकिस्तान को भारत ने धूल चटा दी. ऐसी स्थिति में पाकिस्तानियों का दोहरा गुस्सा उन्हें देश पहुंचकर भुगतना है. अफरीदी जानते हैं कि भारत से हार कर पाकिस्तान लौटने वाले खिलाड़ियों का वहां किस तरह से स्वागत किया जाता है. उन्हें याद ही होगा कि कई बार तो खिलाड़ियों को छुपाकर एयरपोर्ट से निकाला गया ताकि उन पर  हमला न हो जाए.
अब अफरीदी के पास एक ही रास्ता था जो रास्ता उनके देश के राजनेता से लेकर सेना प्रमुख तक हमेशा अपनाते रहे हैं. बहुत परखा हुआ रास्ता है और उस पर चलने से पाकिस्तान की जनता खुश भी हो जाती है. तो वही रास्ता अफरीदी ने अपनाया और ‘राग कश्मीर’ अलापने लगे. सोचने वाली बात है कि उन्हें कैसे पता कि कश्मीर से कितने लोग मैच देखने आए हैं और वे अफरीदी के समर्थक ही हैं? दूसरी बात कि अफरीदी ने भारत के किसी और राज्य के दर्शकों का नाम नहीं लिया इसका मतलब साफ है कि वे कश्मीर को एक देश मानकर ऐसा बयान दे रहे थे. एक मित्र ने बड़ी चुटीली टिप्पणी की-‘अरे वो उस कश्मीर की बात कर रहे थे जिस पर पाकिस्तानियों ने कब्जा कर रखा है!’

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